raheem ke dohe ka mool bhav.

मित्र रहीम के दोहों का मूल भाव नीतिपूर्ण शिक्षा देना है। इनके दोहों के माध्यम से मनुष्य की समझ विकसित होती है और उसे ज्ञान होता है कि उसे कब, क्या और क्यों करना चाहिए।

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