Rahim Ke Dohe shresth Kavita ka udaharan hai spasht Karen

मित्र! 
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं । आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं । 
 
रहीम के दोहे श्रेष्ठ कविता का उदहारण है क्योंकि रहीम के दोहे समाज को प्रेरणा देते हैं। समाज में लोगों को किस प्रकार जीना है उसका सन्देश देते हैं। रहीम के दोहे में आर्थिक और सामाजिक शोषण के प्रति विरोध रहा है। लोगों को कहते हैं कि वाक्य, बाण से भी तीखे होते हैं। इनका प्रयोग सोच-समझ कर करना चाहिए। समाज में किसी को भी छोटा समझने की भूल न करें। इस जीवन में उसकी कब जरूरत पड़ जाए, कुछ पता नहीं। वे समाज को सन्देश देते हैं कि जहाँ सुईं कार्य कर सकती है, वहाँ लाठी का कोई मोल नहीं है। सबका भला करते हुए चलो।रहीम के दोहों में मनुष्य को सीख दी गई है। प्रकृति बदल सकती हैं , वस्त्र बदल सकते हैं , मनुष्य जन्म लेते रहेंगे परन्तु उनका का स्वभाव नहीं बदल सकता है और इसी कारण उनके दोहों की प्रासंगिकता यूहीं बनी रहेगी।
रहीम का एक दोहा है -
रहिमन धागा प्रेम का , मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले , मिले गाँठ परि जाय।।
रहीम के अनुसार प्रेम धागे के समान होता है। हमें उसे सहेजकर रखना चाहिए। यदि यह धागा टूट गया तो इसे जोड़ा नहीं जा सकता है। कितना भी प्रयास करके हम इसे जोड़ दें , तो इसमें गाँठ पड़ जाती है। अर्थात पहले जैसी मिठास और मधुरता रिश्ते में नहीं रहती है। ये बात रहीम ने बिलकुल सही कही है। काल चाहे पंद्रहवीं सदी हो या इकसवीं सदी का प्रेम के विषय में कही गई यह बात सदैव एक समान रहती है। उनके अनेकों ऐसे दोहे हैं , जो इस बात प्रमाण हैं।  रहीम के दोहे हमें समाज में कैसा व्यवहार करना चाहिए, यह सिखाते हैं। इनके दोहों में जीवन से जुड़ी हुई विभिन्न तरह की सीख होती है। यदि हम इनके अनुसार चले, तो हमें जीवन पथ में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!

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