Raidas ke pad kis bhasha mei likhi gayi hai?

प्रिय मित्र!
हम आपके प्रश्न के लिए अपने विचार दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं। 

रैदास को संत रविदास भी कहा जाता है। रैदास के कुछ रचनाओं में अरबी और फ़ारसी का प्रभाव भी दिखता है। इन्होने उपमा और अलंकारों का प्रयोग बहुत किया है। सन्त रैदास समाज के कल्याण तथा मनुष्य के उत्थान के लिए लिखते थे। सन्त रैदास की रचनाओं में लोक-वाणी का अधिकतर प्रयोग होता रहा है। इनकी भाषा मधुर और सहज थी। इनका लेखन समाज में फैली बुराइयों के प्रति था। ये अधिकतर ब्रजभाषा के साथ अवधि, राजस्थानी, उर्दू इत्यादि का भी प्रयोग करते थे।
 

  • 3
What are you looking for?