Raidas ne ishwar ki kin kin visheshtao ka ullekh kiya hain?

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आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

रैदास, भगवान और भक्त के मध्य एक अट्टू रिश्ता बताते हैं। रैदास कहते हैं कि ईश्वर उनके अंदर ही हैं। भक्त और भगवान का मेल हो गया है। यह बंधन नहीं छूटेगा। रैदास भगवान को गरीबों, मजलूमों, दीनों का हमदर्द कहते हैं। उनके अनुसार भगवान आश्रयहीनों के रखवाले हैं। भगवान के सामने कोई छोटा या बड़ा नहीं है, सब बराबर हैं। भगवान की कृपा से अछूत या रंक भी राजा बन सकता है। उनकी दया सबपर होती है। भगवान सबकुछ कर सकते हैं। 

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