rail yatra ke dauran ticket checker ne aapke saath abhadra vyavhar kiya. adhikari ko iski shikayat karte huye patra likhe
and
aapke ilake mein dak-vitran ki vyavastha theek nahi hai. dak pal ko iski shikayat karte huye patra likhe.
Hi,
सेवा में,
मुख्य प्रबंधक,
उत्तर रेलवे, चंडीगढ़।
महोदय,
मैं आपका ध्यान राजधानी एक्सप्रेस में टिकट चैकर (क्रंमाक संख्या 4301) के अभद्र व्यवहार की और आकर्षित करवाना चाहता हूँ। महोदय मैं कल दिनांक 24-01-2011 को सुबह 10 बजे नई दिल्ली स्टेशन से इस गाड़ी में बैठा था। मेरी सीट मेरे नाम से आरक्षित थी। अभी मुझे बैठे कुछ देर ही हुई थी की टिकट चैकर एक अन्य यात्री को लेकर वहाँ आ पहुँचा। वह उस यात्री को मेरी सीट पर बैठाने लगा। मैंने उसे अपना आरक्षित टिकट दिखाया तो वह मेरे साथ अभद्र व्यवहार करने लग गया। उसने मुझे गंदी गालियाँ व धमकाना आरंभ कर दिया। वह मुझे धक्के मारने लगा। मेरे फिर भी विरोध किए जाने पर उसने उस यात्री को दूसरे अन्य व्यक्ति कि सीट पर जबरन बैठा दिया।
उस यात्री से हमें पता चला की टिकट चैकर ने उससे 200 रुपए की रिश्वत ली थी। उसके इस व्यवहार से बहुत दुख हुआ की टिकट आरक्षित कराने पर भी यात्रियों को इस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
आपसे निवदेन है की आप इस टिकट चैकर के विरूद्ध कड़ी करवाई करें। आपके द्वारा उठाए गए इस कदम से रेल में यात्रा करने वाले अन्य यात्रियों को इस प्रकार की कष्टपूर्ण स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे अन्य टिकट चैकरों में भी भय बना रहेगा व वह रिश्वत लेने का कार्य नहीं करेगें।
धन्यवाद
भवदीय
जावेद खान
मकान न. 10, चंडीगढ़।
दिनांक: 25-01-2011
आपको इस तरह दो-दो पत्रों को लिखकर देना संभव नहीं है। आप ऊपर दिए पत्र की सहायता से दूसरा पत्र लिख सकते हो। इससे आपका अच्छा अभ्यास भी होगा।
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
ढेरों शुभकामनाएँ !