ram viyogi ka kya matlab?
मित्र कबीर ने राम को अपना प्रेमी बताया है तथा स्वयं को राम की प्रेमिका। उसका प्रेमी उससे दूर है। अतः वह अपने प्रेमी से मिलने के लिए तपड़ रही है। राम से न मिलने का दुख अर्थात वियोग उसे कष्ट दे रहा है। इस आधार पर राम वियोगी का अर्थ हुआ; राम के वियोग में तपड़ने वाला कबीर।