Raman ne jab taral padartho per Prakash ke kiran Ka adhyayan karne par unhone kya paya??(please in easy language)
मित्र हम आपको इस प्रश्न का उत्तर सरल भाषा में लिखकर दे रहे हैं।
रामन् के मन में समुद्र के नीले रंग को लेकर जो सवाल 1921 की समुद्र यात्रा के समय आया, वह ही 'रामन् प्रभाव'की खोज का कारण बन गया। अर्थात रामन् द्वारा खोजा गया सिद्धांत, इसमें जब एक वर्णीय (रंग) प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ (पानी या काँच जैसा कुछ) से गुजरती है, तो उसके वर्ण(रंग) में परिवर्तन(बदलाव) आ जाता है। एक वर्णीय(रंग) प्रकाश की किरण के फोटॉन जब तरल ठोस (पानी या काँच जैसा कुछ से) रवे से टकराते हैं, तो उर्जा (energy) का कुछ अंश (भाग) खो देते हैं या पा लेते हैं दोनों स्थितियों में रंग में बदलाव आता है।
रामन् के मन में समुद्र के नीले रंग को लेकर जो सवाल 1921 की समुद्र यात्रा के समय आया, वह ही 'रामन् प्रभाव'की खोज का कारण बन गया। अर्थात रामन् द्वारा खोजा गया सिद्धांत, इसमें जब एक वर्णीय (रंग) प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ (पानी या काँच जैसा कुछ) से गुजरती है, तो उसके वर्ण(रंग) में परिवर्तन(बदलाव) आ जाता है। एक वर्णीय(रंग) प्रकाश की किरण के फोटॉन जब तरल ठोस (पानी या काँच जैसा कुछ से) रवे से टकराते हैं, तो उर्जा (energy) का कुछ अंश (भाग) खो देते हैं या पा लेते हैं दोनों स्थितियों में रंग में बदलाव आता है।