Rang-Rupvakti vikas me badak - give hindi debet
मनुष्य के जीवन में रंग-रूप के दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं। जहाँ पर रंग लोगों को प्रभावित करता है वहीं पर यदि मनुष्य का स्वभाव अच्छा नहीं है, तो यह बेकार सिद्ध हो जाता है। प्रायः लोग रंग-रूप को देखकर लोगों के विषय में अच्छी धारणा बना लेते हैं। कई बार तो इसके कारण लोगों को अच्छे अवसर प्राप्त हो जाते हैं। परन्तु जब उसकी असली योग्यता का पता चलता है, तो लोग उतनी ही तेज़ी से उनसे दूर हो जाते हैं। लड़कियों का विवाह तो प्रायः रंग रूप देखकर होता है। यदि वह देखने में सुंदर हैं, तो उनके लिए रिश्तों की कमी नहीं होती और वहीं यदि वह रंग-रूप में कम हैं, तो लोग उनसे विवाह नहीं करते हैं। गैर-सरकारी कार्यालयों में तो रंग-रूप के आधार पर नौकरी के अवसर मिलते हैं। ऐसे लोगों को पार्टी या समारोह में ले जाने से अच्छा प्रभाव पड़ता है। जो विकास के लिए अच्छा होता है।
लेकिन यदि ध्यान से देखा जाए, तो रंग-रूप विकास में भी सबसे बड़ा बाधक है। विद्यार्थी का मन अपने रंग-रूप में इस कदर डूब जाता है कि वह पढ़ाई की ओर ध्यान नहीं दे पाता। उसे लगता है कि उसका रंग-रूप उसे सफलता की सीढ़ी चढ़ा देगा। वह यह भूल जाता है कि रंग-रूप उसके लिए कुछ कठिनाइयों को सरल कर देता है परन्तु हर जगह उसका रंग-रूप काम नहीं आता है। जैसे किसी शैक्षिक प्रतियोगिता में रंग-रूप का स्थान गौण होता है। ऐसी स्थिति में वह पीछे रह जाता है और उसका रंग-रूप उसके भविष्य को बिगाड़ देता है।
लेकिन यदि ध्यान से देखा जाए, तो रंग-रूप विकास में भी सबसे बड़ा बाधक है। विद्यार्थी का मन अपने रंग-रूप में इस कदर डूब जाता है कि वह पढ़ाई की ओर ध्यान नहीं दे पाता। उसे लगता है कि उसका रंग-रूप उसे सफलता की सीढ़ी चढ़ा देगा। वह यह भूल जाता है कि रंग-रूप उसके लिए कुछ कठिनाइयों को सरल कर देता है परन्तु हर जगह उसका रंग-रूप काम नहीं आता है। जैसे किसी शैक्षिक प्रतियोगिता में रंग-रूप का स्थान गौण होता है। ऐसी स्थिति में वह पीछे रह जाता है और उसका रंग-रूप उसके भविष्य को बिगाड़ देता है।