Ras ki paribhasha tatha uske bhed likhiye with example ....
प्रिय विद्यार्थी ,
आपके प्रश्न का उत्तर है -
रस - किसी काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनंद की अनुभूति होती है , उसे रस कहते हैं । रस को काव्य की आत्मा भी कहा जाता है ।
मुख्यतः रस के 9 प्रकार हैं , लेकिन बाद में 2 और रसों को इसमें सम्मिलित कर दिया गया । इसीलिए हिंदी में रस के 11 प्रकार माने जाते हैं । वे इस प्रकार हैं -
1. शृंगार रस - शृंगार रस दो प्रकार के होते हैं ।
संयोग शृंगार
उदाहरण - बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।
सौंह करै भौंहनि हँसै, दैन कहै नहि जाय।
वियोग शृंगार
उदाहरण - निसिदिन बरसत नयन हमारे,
सदा रहति पावस ऋतु हम पै जब ते स्याम सिधारे॥
2. हास्य रस
उदाहरण :- नाक चढै सी-सी करै, जितै छबीली छैल।
फिरि फिरि भूलि वही गहै, प्यौ कंकरीली गैल।।
3. करुण रस
उदाहरण :- देखि सुदामा की दीन दसा करूना करि कै करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैननि के जल सों पग धोये।।
4. रौद्र रस
उदाहरण :- श्री कृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे।
सब शोक अपना भूलकर करतल-युगल मलने लगे।।
5. वीर रस
उदाहरण :- मैं सत्य कहता हूँ सखे! सुकुमार मत जानो मुझे।
यमराज से भी युद्ध में प्रस्तुत सदा जानो मुझे।
6. भयानक रस
उदाहरण :- उधर गरजती सिंधु लहरियाँ, कुटिल काल के जालों सी।
चली आ रही फैन उगलती, फन फैलायें व्यालों सी।।
7. वीभत्स रस
उदाहरण :- सिर पर बैठो काग , आँखि दोउ खात निकारत
खींचत जीभहि स्यार , अतिहि आनंद उर धारत ।
8. अद्भुत रस
उदाहरण :- देख यशोदा शिशु के मुख में , सकल विश्व की माया
क्षणभर को वह बनी अचेतन , हिल न सकी कोमल काया
9. शांत रस
उदाहरण :- जब मैं था तब हरि नाहिं अब हरि है मैं नाहिं
सब अंधियारा मिट गया जब दीपक देख्या माहि
10. वात्सल्य रस
उदाहरण :- जसोदा हरि पालनैं झुलावै।
हलरावै, दुलराइ मल्हावै, जोइ-जोइ कछु गावै॥
11.भक्ति रस
उदाहरण :- मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई
रस के विषय में और विस्तृत जानकारी के लिय आप हमारे वेबसाईट पर जा सकते हैं ।
आभार ।
आपके प्रश्न का उत्तर है -
रस - किसी काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनंद की अनुभूति होती है , उसे रस कहते हैं । रस को काव्य की आत्मा भी कहा जाता है ।
मुख्यतः रस के 9 प्रकार हैं , लेकिन बाद में 2 और रसों को इसमें सम्मिलित कर दिया गया । इसीलिए हिंदी में रस के 11 प्रकार माने जाते हैं । वे इस प्रकार हैं -
1. शृंगार रस - शृंगार रस दो प्रकार के होते हैं ।
संयोग शृंगार
उदाहरण - बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय।
सौंह करै भौंहनि हँसै, दैन कहै नहि जाय।
वियोग शृंगार
उदाहरण - निसिदिन बरसत नयन हमारे,
सदा रहति पावस ऋतु हम पै जब ते स्याम सिधारे॥
2. हास्य रस
उदाहरण :- नाक चढै सी-सी करै, जितै छबीली छैल।
फिरि फिरि भूलि वही गहै, प्यौ कंकरीली गैल।।
3. करुण रस
उदाहरण :- देखि सुदामा की दीन दसा करूना करि कै करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैननि के जल सों पग धोये।।
4. रौद्र रस
उदाहरण :- श्री कृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्रोध से जलने लगे।
सब शोक अपना भूलकर करतल-युगल मलने लगे।।
5. वीर रस
उदाहरण :- मैं सत्य कहता हूँ सखे! सुकुमार मत जानो मुझे।
यमराज से भी युद्ध में प्रस्तुत सदा जानो मुझे।
6. भयानक रस
उदाहरण :- उधर गरजती सिंधु लहरियाँ, कुटिल काल के जालों सी।
चली आ रही फैन उगलती, फन फैलायें व्यालों सी।।
7. वीभत्स रस
उदाहरण :- सिर पर बैठो काग , आँखि दोउ खात निकारत
खींचत जीभहि स्यार , अतिहि आनंद उर धारत ।
8. अद्भुत रस
उदाहरण :- देख यशोदा शिशु के मुख में , सकल विश्व की माया
क्षणभर को वह बनी अचेतन , हिल न सकी कोमल काया
9. शांत रस
उदाहरण :- जब मैं था तब हरि नाहिं अब हरि है मैं नाहिं
सब अंधियारा मिट गया जब दीपक देख्या माहि
10. वात्सल्य रस
उदाहरण :- जसोदा हरि पालनैं झुलावै।
हलरावै, दुलराइ मल्हावै, जोइ-जोइ कछु गावै॥
11.भक्ति रस
उदाहरण :- मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरो न कोई
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई
रस के विषय में और विस्तृत जानकारी के लिय आप हमारे वेबसाईट पर जा सकते हैं ।
आभार ।