Raskhan ji ki bhakti par nibandh likha?

प्रिय छात्र

रसखान कृष्ण भक्ति धारा के कवि हैं । उन्होंने अपनी रचनायें ब्रज भाषा में लिखी हैं । उनके काव्य में प्रेम और भावों का मार्मिक चित्रण मिलता है , और उनके यहाँ ब्रजभाषा का सरल, सरस, और मनोरम प्रयोग दिखाई पड़ता है । 
स्वाभाविकता ही रसखान की भाषा की विशेषता है । रसखान की भाषा में शब्दों का चयन, व्यंजना शैली बहुत ही प्रखर है । शब्दों का आडंबर उनके काव्य में नहीं दिखलाई पड़ता है । उनके भाषा में मुहावरों का भी सरल रूप में प्रयोग हुआ है ।  रसखान कृष्ण की भक्ति पाने के लिए मनुष्य रुप में ग्वाला, पशु रूप में गाय, पर्वत के रुप में गोवर्धन तथा वृक्ष के रुप में कदंब बनना चाहते हैं।  रसखान जी श्री कृष्ण की जन्मभूमि में अपना जीवन व्यतीत करना चाहतेे हैं। इसके लिए पशु रूप भी लेना पड़े तो वह लेने को तैयार हैं। इसके लिए वह पत्थर बनने को भी तैयार हैं। इन सब उपायों द्वारा वह श्री कृष्ण के प्रति अपने प्रेम की अभिव्यक्ति करना चाहते हैं। सुख की परिभाषा ही श्री कृष्ण का सानिध्य है। वह इस सुख को प्राप्त करने के लिए आठों सिद्धियां एवं नौ निधियों के सुख का भी त्याग करने को तैयार हैं क्योंकि रसखान कृष्ण भक्त थे और श्री कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति भावना अत्यंत दुर्लभ थी।

​​​​​​धन्यवाद।

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Priya
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Alvira bolo
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Wo old post pr hi a
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Kaun si yrr
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Last time hi bast ki thi na
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Tumhare ask n ans mai check kro..paid id ki
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Suno Sakshi ki English wali post hai usse per aao ..ohk
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2hr ago wali per
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Hii...
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St se mn
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Yrr ma pahle se mn pe hu ..but delete kar diya ...
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Hmm..
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Waise aspka intro
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Aao old wali post per mil gaya
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Alvira from mars
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Studying in 9th

N urs intro
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Kya intro hai y
Rr
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Lol\
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Mybself aditya of class 9th
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My self
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Hmm hru
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Kal krega ka reply rhene de
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ByE ~~
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Bye..tc
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