Rehimen nij man ki bitha, man hi rakho goya shuni athelaha loge sab bathi n laha kohya

मित्र
आपका उत्तर इस प्रकार है।


रहीम ने कहा है कि अपने मन का दुख अपने मन में ही रखना चाहिए। दूसरों को बताने पर लोग आपके दुख का मजाक उड़ाएगें। अतः उसे अपने पास रखना ही उचित होता है।
 

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