Sahitya sagar ( poem- Megh aaye byy sarvesh dayal saxena)
उत्तर :-
कविता में मेघ एक मेहमान का प्रतीक है । यह मेहमान ऐसा है जिसकी आने की सब कई दिनों से प्रतीक्षा कर रहे हैं ।
कविता ग्रामीण संस्कृति की झलक को बहुत ही कुशलता से चित्रित करती है । गाँवों में मेहमानों के आने के बाद का जो दृश्य होता है और जिस प्रकार से उस मेहमान की खातिरदारी की जाती है, उसी का वर्णन हमें कविता में भी देखने को मिलता है ।
कविता में मेघ एक मेहमान का प्रतीक है । यह मेहमान ऐसा है जिसकी आने की सब कई दिनों से प्रतीक्षा कर रहे हैं ।
कविता ग्रामीण संस्कृति की झलक को बहुत ही कुशलता से चित्रित करती है । गाँवों में मेहमानों के आने के बाद का जो दृश्य होता है और जिस प्रकार से उस मेहमान की खातिरदारी की जाती है, उसी का वर्णन हमें कविता में भी देखने को मिलता है ।