sakmark kreia keya hein
सकर्मक का यदि संधि-विच्छेद किया जाए, तो वह इस प्रकार से होगा स (साथ)+कर्म अर्थात कर्म के साथ। इस आधार पर हम कहते हैं कि जिस क्रिया का फल कर्ता को छोड़कर कर्म पर पड़ता है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। उदाहरण के लिए देखिए कैसे-
बच्चा पानी पी रहा है।
ऊपर दिए वाक्य में 'बच्चा' कर्ता है, 'पानी' कर्म है और 'पी रहा है' क्रिया है। इसमें पानी में ज़ोर दिया जा रहा है। अतः यह सकर्मक क्रिया है। कर्ता पर ज़ोर नहीं दिया जा रहा है। यदि हम प्रश्न करते हैं कि बच्चा क्या पी रहा है, तो उत्तर होगा पानी। कर्ता संज्ञा हो या सर्वनाम यह बात महत्वपूर्ण नहीं होती है। कर्म दर्शाया गया है कि नहीं यह ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।