Samaj me badhte huye apraadh upbhoktavaad ki sanskriti ka parinaam kyu aur kaise samjhi jaa sakti hai?? (long question)

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
उपभोक्तावाद की संस्कृति ने मनुष्य को लालच और पाने की लालसा का इच्छुक बना  दिया है। वह सुख-सुविधाओं के पीछे भागता रहता है। उन्हें पाने के लिए वह प्रयास करता रहता है। वह सरलता से प्राप्त कर ले, तो बढि़या अगर न मिले तो उसे पाने के लिए वह गलत कार्य करने से भी नहीं घबराता है। यह समाज और युवाओं को पथ भ्रष्ट कर रहा है। 

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please i want it today
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