'Samvad lekhan' on two friends talking about the chapter 'Dukh ka Adhikar' from class 9
मित्र, आप का संवाद इस प्रकार है।
रमेश- सुरेश! तुमने दुख का अधिकार पाठ पढ़ा है क्या?
सुरेश- हाँ, दुुख का अधिकार पाठ सामाजिक परिदृश्य पर लिखा गया है।
रमेश- हमारे समाज में आज भी दुख मनाने का अधिकार सब को समान रूप से प्राप्त नहीं है। जिसके पास पैसा है, वह अपने अनुसार दुख मनाता है। जिसके पास पैसा नहीं है, वह रोजी रोटी कमाने के लिए दुख भी नहींं मना पाता।
सुरेश- सही कह रहे हो मित्र। कछ परंपराओं को बदलने की आवश्यकता है।
रमेश- सुरेश! तुमने दुख का अधिकार पाठ पढ़ा है क्या?
सुरेश- हाँ, दुुख का अधिकार पाठ सामाजिक परिदृश्य पर लिखा गया है।
रमेश- हमारे समाज में आज भी दुख मनाने का अधिकार सब को समान रूप से प्राप्त नहीं है। जिसके पास पैसा है, वह अपने अनुसार दुख मनाता है। जिसके पास पैसा नहीं है, वह रोजी रोटी कमाने के लिए दुख भी नहींं मना पाता।
सुरेश- सही कह रहे हो मित्र। कछ परंपराओं को बदलने की आवश्यकता है।