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मित्र सपनों के से दिन पाठ में अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेजने में रुचि नहीं लेते थे क्योंकि अभिभावक स्वयंं अनपढ़ थे और उनको शिक्षा के महत्व के बारे में जानकारी नहीं थी। वे सोचते थेे कि बच्चोंं का खेलकूद करना, केवल समय बेकार करना है। खेलकूद करेंगे और बच्चे घायल होंगे, उन्हें चोट लगेगी इससे अच्छा हैै  कि बच्चे खेल कूद ना करें।  बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए खेलकूद कितना आवश्यक हैैैै, इस बात की जानकारी उन्हें नहीं थी। पढ़ाई केे साथ-साथ खेलों का छात्र जीवन में बहुत महत्व है। इससेेेे उनको जीवन मूल्यों की प्रेरणा मिलती है। खेल मनोरंजन के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद हैं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है, बच्चे अनुशासित रहते हैं तथा प्रेम और सहयोग की भावना बढ़ती है। साथ ही साथ प्रतिस्पर्धा के गुण भी समझ में आते हैं। समूह में खेलने से सामाजिक भावना आती है।

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Yadi bache time table bana kar saare karya kre
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