Sansar rupi patange ke pachtane ka karan spast kro?
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
संसार रूपी पतंगा अपने किए पर पछता रहा है। अपनी खोटी तक़दीर पर रो रहा है। पतंगा अपनी अभिमान और अपना अहंकार त्याग नहीं पाया है इसलिए वह अभी तक जल रहा है, पश्चाताप कर रहा है। भगवान की भक्ति को अभी तक ग्रहण नहीं कर पाया है। पतंगा यदि अपने अहंकार को त्याग पाता तो उसे कब के ईश्वर प्राप्त हो जाते।
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संसार रूपी पतंगा अपने किए पर पछता रहा है। अपनी खोटी तक़दीर पर रो रहा है। पतंगा अपनी अभिमान और अपना अहंकार त्याग नहीं पाया है इसलिए वह अभी तक जल रहा है, पश्चाताप कर रहा है। भगवान की भक्ति को अभी तक ग्रहण नहीं कर पाया है। पतंगा यदि अपने अहंकार को त्याग पाता तो उसे कब के ईश्वर प्राप्त हो जाते।