Sansarik bhog Mai leen hone se kya hota h

मित्र ,
मानव जन्म मनुष्य को इसलिए मिला है कि इस जीवन द्वारा अपनी आत्मा को कर्मों से मुक्त करे। उन्होंने कहा कि चौरासी लाख योनियों में से मनुष्य योनि के अलावा और कोई योनि ऐसी नहीं है, जिसमें जीव को विशिष्ट और बुद्धि हासिल होती हो। ऐसी स्थिति में यदि मानव योनि में आत्मा को जन्म-मरण के कष्टों से छुड़ाने का प्रयत्न नहीं किया गया, तो फिर किस जन्म में और किस योनि में उसके उद्धार का उपाय करेंगे। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य अपने इस जीवन में आत्मा का हित नहीं करता, यानि उसे संसार से मुक्त करने का प्रयत्न नहीं करता। वह सचमुच ही अपनी आत्मा के साथ अन्याय करता है। इसका परिणाम यह होता है कि महान पुण्यों के फलस्वरूप प्राप्त हुआ यह दुर्लभ जीवन समाप्त हो जाता है।

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