पद्यांशान् योजयत-
मातुल! किरसि |
सितपरिधानम् |
तारकखचितं |
श्रावय गीतिम् |
त्वरितमेहि मां |
चन्द्रिकावितानम् |
अतिशयविस्तृत |
कथं न स्नेहम् |
धव लं तव |
नीलाकाश: |
मातुल! किरसि |
कथं न स्नेहम् |
तारकखचितं |
सितपरिधानम् |
त्वरितमेहि मां |
श्रावय गीतिम् |
अतिशयविस्तृत |
नीलाकाश: |
धवलं तव |
चन्द्रिकावितानम् |