Sanskriti aur sabhtya me antar bataie .
मित्र हम आपको उत्तर लिखकर दे रहे हैं।
संस्कृति वह कहलाती है जब मानव के अंदर किसी विषय को लेकर चिंतन-मनन करने की आवश्यकता पड़ती है। वह उस विषय में गहराई से सोचता है और फिर उसको साक्षात रूप देने के लिए प्रयासरत रहता है। इससे वह महत्वपूर्ण खोजें करता है। उसके द्वारा कलात्मक चीजों के सृजन के लिए किए गए प्रयास भी संस्कृति ही है जैसे- साहित्य, चित्रकला, वास्तुकला, शिल्पकला आदि भी संस्कृति का ही हिस्सा हैं।
इसके विपरीत सभ्यता एक सामाजिक व्यवस्था है जो की हमारे जीवन को आसान व सुखी बना देता है।
मनुष्य के जीवन के लिए जो रहन-सहन के लिये एकत्र साधन व उपकरण आदि सभ्यता के अन्तर्गत आते हैं।
संस्कृति वह कहलाती है जब मानव के अंदर किसी विषय को लेकर चिंतन-मनन करने की आवश्यकता पड़ती है। वह उस विषय में गहराई से सोचता है और फिर उसको साक्षात रूप देने के लिए प्रयासरत रहता है। इससे वह महत्वपूर्ण खोजें करता है। उसके द्वारा कलात्मक चीजों के सृजन के लिए किए गए प्रयास भी संस्कृति ही है जैसे- साहित्य, चित्रकला, वास्तुकला, शिल्पकला आदि भी संस्कृति का ही हिस्सा हैं।
इसके विपरीत सभ्यता एक सामाजिक व्यवस्था है जो की हमारे जीवन को आसान व सुखी बना देता है।
मनुष्य के जीवन के लिए जो रहन-सहन के लिये एकत्र साधन व उपकरण आदि सभ्यता के अन्तर्गत आते हैं।