Sanvad between urmila and lakshman
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
उर्मिला- आप यह उचित नहीं कर रहे हैं। स्वयं वनवास जा रहे हैं और मुझे यहाँ छोड़ रहे हैं। यह तो मेरे साथ अन्याय है।
लक्ष्मण - प्रिय! मैं वहाँ भाई-भाभी की सेवा करने जा रहा हूँ। तुम यदि मेरे साथ चलोगी, तो मैं अपना कर्तव्य निभा नहीं पाऊँगा। इसके अतिरिक्त माता-पिता को तुम्हारी ज़रूरत है। उनका यहाँ कौन ध्यान रखेगा?
उर्मिला - मैं आपके बिना जीवित कैसे रहूँगी। मैं यह नहीं चाहती कि लोग कहें मैं आपके कर्तव्य मार्ग में बाधा बनी। अतः आप जाएँ और अपने कर्तव्य का पालन करें।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
उर्मिला- आप यह उचित नहीं कर रहे हैं। स्वयं वनवास जा रहे हैं और मुझे यहाँ छोड़ रहे हैं। यह तो मेरे साथ अन्याय है।
लक्ष्मण - प्रिय! मैं वहाँ भाई-भाभी की सेवा करने जा रहा हूँ। तुम यदि मेरे साथ चलोगी, तो मैं अपना कर्तव्य निभा नहीं पाऊँगा। इसके अतिरिक्त माता-पिता को तुम्हारी ज़रूरत है। उनका यहाँ कौन ध्यान रखेगा?
उर्मिला - मैं आपके बिना जीवित कैसे रहूँगी। मैं यह नहीं चाहती कि लोग कहें मैं आपके कर्तव्य मार्ग में बाधा बनी। अतः आप जाएँ और अपने कर्तव्य का पालन करें।