sanvad likhe fal vikreta aur grahak ke bich.
मित्र!
हम आपको आरंभ करके दे रहे हैं। कृपया आप स्वयं पूरा करने का प्रयास करें-
ग्राहक- भैया! मुझे दो किलो आम और दो किलो लीची दे दो।
दुकानदार- अभी देता हूँ।
ग्राहक- अरे! ये क्या आप इस ईंट से क्यों तौल रहे हैं?
दुकानदार- साहब! ये ईंट तो आधा किलो का है। मैं आधा किलो इसी से तौलता हूँ।
ग्राहक- ये गलत है। आप अभी, जो सरकार ने मानक बाट बनाएँ है, उससे सारे समान को तोलिए।
दुकानदार- अच्छा सर! गलती हो गई। मैं अभी उससे आपके सारे फल तौलता हूँ।
ग्राहक- हाँ और ये ईंटें तथा पत्थर अभी फेंक दो, नहीं तो मैं तुम्हारी शिकायत कर दूँगा।
दुकानदार- सर ऐसा मत कीजिए। मैं आज के बाद ऐसा कुछ नहीं करूँगा।......................
हम आपको आरंभ करके दे रहे हैं। कृपया आप स्वयं पूरा करने का प्रयास करें-
ग्राहक- भैया! मुझे दो किलो आम और दो किलो लीची दे दो।
दुकानदार- अभी देता हूँ।
ग्राहक- अरे! ये क्या आप इस ईंट से क्यों तौल रहे हैं?
दुकानदार- साहब! ये ईंट तो आधा किलो का है। मैं आधा किलो इसी से तौलता हूँ।
ग्राहक- ये गलत है। आप अभी, जो सरकार ने मानक बाट बनाएँ है, उससे सारे समान को तोलिए।
दुकानदार- अच्छा सर! गलती हो गई। मैं अभी उससे आपके सारे फल तौलता हूँ।
ग्राहक- हाँ और ये ईंटें तथा पत्थर अभी फेंक दो, नहीं तो मैं तुम्हारी शिकायत कर दूँगा।
दुकानदार- सर ऐसा मत कीजिए। मैं आज के बाद ऐसा कुछ नहीं करूँगा।......................