shaam ek kisaan kavita ka mool bhaav apne shabdon mein likhen vistar mein har ek cheez ki tulna doosre cheez ke saath kyun ki gayi hai batate hue.

मित्र शाम एक किसान कविता का मूल भाव छात्रों को प्रकृति से परिचित करवाना है। इस कविता में जाड़े की शाम का वर्णन किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के जनजीवन तथा वहाँ के प्राकृतिक वातावरण से बालकों को परिचित करवाने के लिए कविता का उद्देश्य है। 
हमारी वेबसाइट पर इस कविता का सारांश तथा व्याख्या दी गई है। कृपया आप वहाँ से इस कविता को और अधिक समझ सकते हैं। 

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