Shilp Soundarya of Kaidi aur Kokila
प्रिय छात्र,
प्रिय छात्र,
हम पूरी कविता के लिए शिल्प सौन्दर्य नहीं दे सकते। हालाँकि हम नीचे कुछ लाइनों के लिए कुछ उदाहरण दे रहे हैं।
तेरे गीत कहावें वाह , रोना भी है मुझे गुनाह !
देख विषमता तेरी-मेरी , बजा रही तिस पर रणभेरी !
शिल्प सौंदर्य :- *कविता में खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है।
*तत्सम,तद्भव एवं उर्दू शब्दों का अनूठा संगम है।
*भाषा चित्रात्मक और लयात्मक है।
*कोयल के रणभेरी बजाने से मानवीकरण अलंकार हुआ है।
*सम्बोधन शैली का प्रयोग हुआ है।
प्रिय छात्र,
हम पूरी कविता के लिए शिल्प सौन्दर्य नहीं दे सकते। हालाँकि हम नीचे कुछ लाइनों के लिए कुछ उदाहरण दे रहे हैं।
तेरे गीत कहावें वाह , रोना भी है मुझे गुनाह !
देख विषमता तेरी-मेरी , बजा रही तिस पर रणभेरी !
शिल्प सौंदर्य :- *कविता में खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है।
*तत्सम,तद्भव एवं उर्दू शब्दों का अनूठा संगम है।
*भाषा चित्रात्मक और लयात्मक है।
*कोयल के रणभेरी बजाने से मानवीकरण अलंकार हुआ है।
*सम्बोधन शैली का प्रयोग हुआ है।