Solve plz asye aspast

प्रिय छात्र रोहिणी के पूछने पर मिठाईवाले ने बोला कि. इस व्यवसाय में खाने भर का मिल जाता है। कभी नहीं भी मिलता। लेकिन संतोष, धीरज और असीम सुख जरूर मिलता है। मिठाईवाले ने आगे बताया कि वो अपने नगर का प्रतिष्ठित व्यक्ति था। उसकी पत्नी और दो बच्चे थे लेकिन अब वो नहीं रहे। उसका जीवन उजड़ चुका था। उसने यह व्यवसाय इसलिए शुरू किया क्योंकि वो दूसरों के बच्चों में अपने बच्चों की छवि देखता था। उसके बच्चे भी इसी तरह खिलौने, मिठाई और मुरली पाकर खुश होते थे।. सादर

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