Solve this:
प्रश्न 9. दूसरे कवित्त में रासलीला का दृश्य साकार हो उठा है-कैसे?
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
कवि ने आकाश की उपमा दर्पण से की है। आकाश बहुत साफ और स्पष्ट दिख रहा है। आकाश में तारे जगमगाते रहे हैं। तारों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे सुंदर युवतियां अच्छे-अच्छे आभूषण पहन कर खड़ी हैं। उनके आभूषणों के जगमग से हर तरफ रोशनी बिखरी हुई है। आकाश में चंद्रमा का स्वरूप राधा के मुख के समान है। सारा संसार इस दूधिया रोशनी में नहाया हुआ है।
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कवि ने आकाश की उपमा दर्पण से की है। आकाश बहुत साफ और स्पष्ट दिख रहा है। आकाश में तारे जगमगाते रहे हैं। तारों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे सुंदर युवतियां अच्छे-अच्छे आभूषण पहन कर खड़ी हैं। उनके आभूषणों के जगमग से हर तरफ रोशनी बिखरी हुई है। आकाश में चंद्रमा का स्वरूप राधा के मुख के समान है। सारा संसार इस दूधिया रोशनी में नहाया हुआ है।