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Q6 :
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कुल से होती है या उसके कर्मो से? तर्क सहित उत्तर दीजिए। 

उत्तर : व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारण उसकी जाति या धर्म से न होकर उसके कर्मों के आधार पर होती है। कबीर 
ने स्वर्ण कलश और सूरा (शराब) के माध्यम से अपनी बात स्पष्ट की है। जिस प्रकार सोने के कलश में शराब भर देने से शराब का महत्त्व बढ़ नहीं जाता तथा उसकी प्रकृति नहीं बदलती। उसी प्रकार श्रेष्ठ कुल में जन्म लेने मात्र से किसी भी व्यक्ति का राय निर्धारित नहीं किया जा सकता। मनुष्य के गुणों की पहचान उसकी कर्म से होती है। कर्म के माध्यम से ही हम समाज में प्रतिष्ठित     

मित्र!
आपका  प्रश्न  स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। आपसे निवेदन है कि इसे सही प्रकार से लिखकर दें तभी हम आपकी सहायता कर पाएँगे। हमें दिए गए उत्तर में गलतियाँ दिखाई दे रहे हैं। हम आपको उसे ठीक करके दे रहे हैं।-
 ​उत्तर : व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारण उसकी जाति या धर्म से न होकर उसके कर्मों के आधार पर होता है। कबीर स्वर्ण कलश और सूरा (शराब) के माध्यम से अपनी बात स्पष्ट करते हैं। जिस प्रकार सोने के कलश में शराब भर देने से शराब का महत्त्व बढ़ नहीं जाता तथा उसकी प्रकृति नहीं बदलती, उसी प्रकार श्रेष्ठ कुल में जन्म लेने मात्र से किसी भी व्यक्ति के विषय में राय निर्धारित नहीं की जा सकती है। मनुष्य के गुणों की पहचान उसके कर्म से होती है। कर्म के माध्यम से ही हम समाज में प्रतिष्ठित  होते हैं।   

 

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