Solve this:

मित्र!

हमारे एक मित्र ने आपके प्रश्न का उत्तर दिया है। हम भी यहाँ अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता लेकर अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं-

नोट बंदी करके सरकार ने एक पहल की है। इससे कुछ फायदा तो है मगर सरकार इस फैसले को अमल में लाने के साथ-साथ कुछ अन्य बंदोबस्त भी करती तो अच्छा होता। एटीएम में पैसा नहीं हैं। लोगों की बड़ी-बड़ी लाइन लगी हुई है। पैसे निकालने की भी एक सीमा है, अधिक पैसे नहीं निकाल सकते। सामान खरीदने के लिए खुल्ले पैसे नहीं मिल रहे।नोट बंदी से व्यापार का धंधा बहुत मंदा हो जाता है।  व्यापार का सारा कारोबार नकद रुपयों से चलता है। बड़े रूपये बंद हो जाने पर, सामान खरीदना मुश्किल हो जाता है । सभी लोग ऑनलाइन लेन-देन नहीं कर सकते। इससे उनको बड़ी परेशानी हुई। सरकार को इस सब बातों को ध्यान में रखते  हुए नोट बंदी करनी चाहिए थी।

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नोटबंदी के पक्ष में आतंकवादियों को होने वाली फंडिंग को रोक देना कोई विश्वसनीय दलील नहीं है क्योंकि आतंकी और चरमपंथी तो नए नोटों की नकल भी छाप सकते हैं। चूंकि नकदी की उपलब्धता में अचानक भारी कमी आई है इसलिए रोजदारी पर काम करने वाले श्रमिकों और उन तमाम लोगों को जिनके पास पहचान के कागजात नहीं हैं, अपने दैनिक खर्च चलाने में खासी मुसीबत का सामना करना पड़ेगा।
इसकी वजह यह है कि कागजात के अभाव में वे बैंकों का रुख भी नहीं कर सकते। ये निराशाजनक हालात तब तक बने रहेंगे जब तक बैंक और पोस्ट ऑफिस मांग पर नकदी मुहैया कराने की स्थिति में नहीं आ जाते। होना यह चाहिए कि अगले करीब दो महीने तक केंद्र और राज्य सरकारों को खाद्यान्न और आवागमन की सुविधा मुफ्त उपलब्ध करानी चाहिए, जैसे प्राकृतिक आपदा के दिनों में किया जाता है।
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