soudaharan likhiye ki shabdh aur padh mei kya anthar hai?

एक शब्द का निर्माण व्याकरण की सबसे छोटी इकाई अर्थात वर्णों के परस्पर संयोग से बनाता है। वर्णों के सार्थक समूह ही सही मायने में शब्द कहलाता है। 'शब्द' भाषा का मूल होता है। एक शब्द जब किसी वाक्य में प्रयुक्त नहीं होता है, तब वह स्वतंत्र होता है। उसका यही स्वतंत्र स्वरुप 'शब्द' कहलाता है।

जब शब्द वाक्य में प्रयोग होता है, तब यह पद कहलाता है। वाक्य में पद कहलाने के पीछे भी  एक कारण है। वह इस प्रकार है; एक शब्द का जब वाक्य में प्रयोग होता है, तो वह व्याकरण के नियमों से पूरी तरह बंध जाता है और यहाँ आकर उसका अस्तित्व बदल जाता है। नियमों में बंधा शब्द पद का रूप धारण कर लेता है। अब वह स्वतंत्र नहीं होता। अब वह वाक्य के क्रिया, लिंग, वचन और कारक के नियमों से अनुशासित होता है।

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