Speech for 2 min on ped hamare rakshak

मित्र!
 हम आपको एक भाग लिखकर दे रहे हैं। आप इसे स्वयं अपनी सोच से विस्तारपूर्वक लिखिए।

जबसे पथ्वी अस्तित्व में आई है, वृक्ष हमारे साथ बने हुए हैं। अपने घरों, खेतों और वस्तुओं के निर्माण संबंधी आवश्यकताओं के लिए हम इनकी बलि चढ़ा रहे हैं। जितनी तेज़ी से हम इनकी कटाई कर रहे हैं, उतनी तेज़ी से ही हम अपनी जड़ें भी काट रहे हैं। वृक्ष हमारे रक्षक हैं। वायुमण्डल में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। यह प्रदूषण मनुष्य के लिए हानिकारक हो गया है। ध्रूवों में स्थित बर्फ भी इसी कारण लगातार पिघल रही है। यह बर्फ जहाँ हमारी पीने की आवश्यकता को पूरा करती हैं। वहीं यदि यह पिघल जाए, तो समुद्र के स्तर को बढ़ा सकती है, जिससे प्रलय की स्थिति बन सकती है। वृक्ष की जड़ें गहराई तक जाकर मृदा को बाँधे रखती हैं, जिससे बरसात में मिट्टी बह नहीं पाती है। इन सब समस्याओं को देखते हुए वृक्षों की उपयोगिता पर हमारा ध्यान केंद्रित होता है। हमें चाहिए कि अधिक से अधिक वृक्ष लगाएँ और अपनी पृथ्वी को बचाएँ।

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