speech on malnurition in hindi please.

प्रिय मित्र!
आपने शायद कुपोषण(malnutrition) पर स्पीच सम्बंधित प्रश्न पूछा है।
  ऐसे प्रश्न स्व-रचनात्मक कौशल के अंतर्गत आते हैं, इन्हें स्वयं से करने की चेष्टा करनी चाहिए। हम आपको अपने विचार दे रहे हैं जिनके माध्यम से आप अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं- 
 
जब किसी बच्चे के शरीर में पौष्टिक आहार (पोषक तत्व) की कमी हो जाती है तो उसका शरीर कमजोर हो जाता है। वह बच्चा बहुत-सी बीमारियों का शिकार हो जाता है। इसे ही कुपोषण की अवस्था कहते हैं। इस तरह के बच्चों में विटामिन, प्रोटीन, आयोडीन, लोहा, फास्फोरस, कैलशियम, कार्बोहाइड्रेट, खनिज जैसे तत्वों की कमी पाई जाती है।
शरीर का संपूर्ण विकास न होना, धंसी हुई आंखें, कमजोर बाल, त्वचा का रूखा होना, पेट फूलना, नाखूनों का अपने आप टूटना, बालों का झड़ना, भूख न लगना, चिड़चिड़ापन , हड्डियों का दिखना, हड्डियों के जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, बच्चों का बिना वजह रोना, बच्चों के शरीर में खून की कमी होना – यह सभी लक्षण कुपोषण के हैं। जब बच्चों के शरीर में आयरन की कमी हो जाती है तो उनको एनीमिया रोग हो जाता है।
भारत में लगभग 39% बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। इसके अनेक कारण है। माता पिता की गरीबी, लड़का लड़की में भेदभाव करना, जल्दी उम्र में मां बनना, स्तनपान का अभाव, भोजन की कमी, गंदा पर्यावरण जैसी अनेक समस्याएं कुपोषण को बढ़ावा देती हैं।
 
सादर।
 
 
 
 

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