stree ki sikshaka virodhsamaj ke prati ek gambhirapraadhhai---- spasht kijiye..

जो पुरुष स्त्री शिक्षा का विरोध करते हैं, वह नहीं चाहते कि स्त्रियाँ उनके समक्ष आकर खड़ी हो जाएँ। समाज में उन्हें पुरुषों के समान अधिकार प्राप्त हों। वे स्त्रियों को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर उन्हें गुलामी भरा जीवन जीने में विवश करना चाहते हैं। उनका प्रयास होता है कि वह उनका लगातार शोषण करते रहें। एक शिक्षित स्त्री का शोषण करना सरल नहीं होता है। वह विरोध करना जानती है। अतः उसके अधिकारों का हनन करना उनका शोषण करना गंभीर अपराध है। उन्हें शिक्षा से वंचित करना और भी गंभीर बात हैं क्योंकि ये सारी बातें कहीं-न-कहीं आपस में जुड़ी हुई हैं।

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