"stri ko saundarya ka pratiman bana diya jana hi uska bandhan ban jata hay" - explain

स्त्री वस्त्र और आभूषणों से स्वयं को सजाने में व्यस्त रहती है और इनके मध्य इतना उलझ जाती है कि वह स्वयं के अस्तित्व और विकास को भूल जाती है। यही कारण है इन्हें स्त्री जीवन के लिए बंधन माना गया है। यदि वह आभूषण और सौंदर्य के मोह को त्याग दे, तो वह सबसे आगे निकल जाती है। ऐसे अनेक उदाहरण है, जिन्होंने आभूषणों के मोह को त्यागकर जीवन की दिशा ही बदल दी।

  • 14
What are you looking for?