subah ka prakartik drishy ka varnar  anupras,upma,rupak aur manvikaran  alankar istemal karte huy ek 60-70 words ka anuched likhe

मित्र

पहाड़ों में सुबह का प्राकृतिक दृश्य अनुपम होता है। प्रकृति  सुबह-सुबह  इस प्रकार प्रतीत होती है जैसे कि कोई युवती नहा कर आई हो। प्रकृति के चारों ओर का सौंदर्य चलायमान धरती पर चार चाँद लगा रहे हों।  हर तरफ हरियाली विद्यमान थी। छोटे-बड़े चीड़ के पेड़, प्रकृति केेे पहरेदारों से खड़े थे। नीचे गहरी परन्तु पेड़ों से युक्त खाई अनुपम लग रही थी। चारों तरफ प्रकृति रत्न बिखरा हुआ था।

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