sumitranandan pant ne apni kavitamein manvikaranalankar ka prayogkis prakar liya hei? spashtkarein.

मित्र मानवीकरण अलंकार में प्रकृति को मनुष्य की तरह व्यवहार करते हुए दिखाया जाता है। इस कविता में भी प्रकृति पर मानवीय व्यवहारों को आरोपित किया गया है। जैसे-
1) पहाड़ को मनुष्य की तरह जल रुपी आइने में अपना रूप निहारते हुए दिखाया गया है। 
2) झरने के पानी को उत्तेजित होता हुआ दिखाया गया है। 

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