summary of ch8 of shitij

मित्र इसके अंदर रवींद्रनाथ ठाकुर जी के बारे में बात की गई है। रवींद्रनाथ ठाकुर पशु-पक्षियों के प्रति बहुत संवेदनशील थे। उन्होंने इनका इतनी गहराई से अध्ययन करते थे, उनके स्नेह और उनकी परिस्थितियों को समझ जाते थे। एक कुत्ते तथा मैना के संबंध में उनका स्नेह देखकर लेखक दंग रह जाता है। ठाकुर जी के साथ रहकर लेखक को पता चलता है कि पशु-पत्री भी मनुष्य के समान ही प्रेम चाहते हैं औ प्रेम देते हैं। उन्हें जो भी प्यार करता है, वह उसके प्रति स्नेह का भाव रखते हैं। यह कहानी मनुष्य और पुश-पक्षियों के मध्यम प्रेम को दर्शाती है और हमें उनके प्रति उदारभाव रखने की प्रेरणा देती है।

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