summary of chapter patjhad me tuti pattiya

मित्र हमारी वेबसाइट पर इस अध्याय का सारांश उपलब्ध है। आप वहाँ से सहायता ले सकते हैं।  

  • -3
'पतझर में टूटी पत्तियाँ' पाठ में कवि दो अलग-अलग विषयों से हमें अवगत कराना चाहता है। वह बहुत कम शब्दों में अत्यधिक गहराई वाली बातें कह जाते हैं। इस पाठ के प्रथम भाग 'गिन्नी का सोना' में कवि उन लोगों की बात करते हैं जो ऊँचे आर्दशों की बात तो करते हैं परन्तु समय व परिस्थिति के अनुसार अपने आर्दशों को भूल जाते हैं या उन आदर्शों को कुछ देर को लिए दरकिनार कर देते हैं। लेखक ऐसे लोगों को गिन्नी के सोने के समान मनाते हैं। वह जीवन में अपने लिए सुख-सविधाओं बटरोने वालों के नहीं अपितु उन लोगों से प्रेरित होकर जीने के लिए कहते हैं जो जगत को जीने और रहने योग्य बनाए हुए हैं।

'झेन की देन' भाग में लेखक जापान की ऐसी देन से प्रेरित हैं जो जीवन को नई गति, ताज़गी व शांति देता है। झेन जापान के लोगों की चाय पीने की एक पद्धति है जिसमें लोग कुछ समय गुजारकर अपनी व्यस्तता से भरे जीवन में शांति व चैन के पल पा लेते हैं। चाय की इस विधि में लेखक ने जो सुंदर अनुभव किया है, वह उसे अन्य भारतीयों को भी अवगत कराना चाहते हैं।
  • -3
Thax himu
  • -1
No need for thanx ..happy study
  • -3
What are you looking for?