summary of dhool .

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'धूल' पाठ में लेखक रामविलास शर्मा ने धूल के महत्व का वर्णन किया है। लेखक स्वयं गाँव से जुड़े हुए व्यक्ति हैं। आज के लोगों द्वारा धूल की अनदेखी उन्हें अच्छी नहीं लगती है। उनके अनुसार गाँव में, पहलवानों के अखाड़े में, किसानों के लिए और बच्चों के लिए गोधूलि बहुत महत्वपूर्ण है। परन्तु विडंबना देखिए कि शहरों में लोग इस धूल को गंदगी मान कर इससे बचने का प्रयास करते हैं। लेखक को यह बात बुरी लगती है। इसलिए इस पाठ में लेखक ने धूल के महत्व, उसकी विशेषता और भारत के गाँवों  में धूल की महिमा का वर्णन किया है। उन्होंने अलग-अलग उदाहरणों द्वारा यह बताने का प्रयास किया है कि धूल कितनी अमूल्य धरोहर है, हम भारतीयों के लिए। उन्होंने पूरे पाठ में हमारे जीवन में धूल की उपस्थिति का वर्णन किया है।

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