summary of geet ageet

गीत-अगीत कविता में कवि नदी के बहने को उसके विरह के गीत मानता है। उसे लगता की नदी अपनी धारा के द्वारा सबको अपना दुख व्यक्त कर रही हो। उसके अनुसार गुलाब का फुल भी यही सोचता है कि उसके पास स्वर होते तो वह सबको अपनी व्यथा सुनता। एक तोता ऊँचे स्वर में गा रहा है व उसका गीत सुनकर तोती बहुत प्रसन्न है। कवि को इसमें सुन्दर गीत की अनुभूति होती है। एक प्रेमी अपनी प्रेमिका को बुलाने के लिए गीत गा रहा है और प्रेमिका उसे सुनकर प्रसन्न है। कवि यही सोचता है कि प्रकृति द्वारा अपनी तरह से गाए जाने वाला गीत सुन्दर है या मनुष्य द्वारा गाए जाने वाला गीत।

 
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