राहुल सांकृयायन ने1929 से1930 मनेपाल के मागसेतबत याा क थी। यह पाठ उसी मसेलया गया है। तबत क राजधानी हासा के वषय महमबहुत-सी महवपणू जानकार ात होती ह। इस याा मउहनेभखमंगेका प धरा और तबत के जनजीवन, संकृत, समाज, परवेश, समयाओ,ं वशषताओ े ं इयाद को बड़ेनज़दक सेजाना और उकेरा है। लेखक नेइस पाठ मइतना सजीव और सटक वणन कया हैक हम वयंको इससेसरलतापवूक जोड़ पातेह।