summary of mithaiwala

'मिठाईवाला' कहानी भगवतीप्रसाद वाजपेयी द्वारा रचित है। यह एक पिता के अपने बच्चों से किए गए अटूट प्रेम की कहानी है। इस कहानी के माध्यम से कवि पिता के आदर्श प्रेम को दर्शाने का प्रयास करता है। समाज में यह कहा जाता है कि माँ अपने बच्चों से अधिक प्रेम करती है। परन्तु लेखक इस तथ्य को असत्य सिद्ध कर देता है। यह मानवीय संवेदनशीलता के ताने-बाने में उलझी कहानी है। इस कहानी में मिठाईवाला विभिन्न तरह की चीजें बेचकर बच्चों के नज़दीक रहने का प्रयास करता है। वह कभी खिलौने बेचता है, तो कभी मुरली और कभी मिठाई। इस तरह बदल-बदलकर चीज़ें बेचने का उसका उद्देश्य बच्चों को प्रसन्न करना है। उसके दोनों बच्चों और पत्नी की एक दुर्घटना में अकाल म...


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cbse/class7/ summary/hindi/मिठाई वाला/84_864

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