summary of this chapter


Hi,
'कर चले हम फ़िदा' कविता देश के वीर व शहीद सैनिकों को समर्पित कविता है। कवि इस कविता के माध्यम से देश के लोगों को इन शहीदों के ह्दय की पीड़ा व चिन्ता को दर्शाने का प्रयास करते हैं। कवि कहते हैं की शहीद सैनिक चाहता है की हमने अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए देश की सीमाओं की रक्षा अपने प्राणों का बलिदान देकर की है। अब हे मेरे देश के लोगों इस सुरक्षित देश को हमने तुम्हारे हाथों पर सौंप दिया है। इसकी रक्षा का भार अब तुम्हारे सर पर है। हमने सीमा पर रहते हुए विभिन्न तरह की कठिनाइयों को झेला है परन्तु कभी उन कठिनाइयों से हार नहीं मानी। हमारे कारण कभी हमारे देश का सर शर्म से नहीं झुका है। अब तुम्हारी बारी है। तुम्हें अपने देश की रक्षा उसी प्रकार करनी है जैसे राम व लक्ष्मण ने सीता के मान-सम्मान की रक्षा रावण के विरूद्ध खड़े होकर की थी। वह कहते हैं की देश की रक्षा करने का सौभाग्य कभी-कभी आता है, उसे कभी अपने हाथ से नहीं जाने देना। देश पर अपने प्राणों को न्यौछावर करना तो देश के वीरों का काम है।
 
आशा करती हूँ कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
ढ़ेरों शुभकामनाएँ?

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thanxx mam.. for such a easy summary... 

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