summary of totto chan (full book) in hindi

'अपूर्व अनुभव' जापान में रहने वाले दो मित्रों की कहानी है। यह हिन्दी में अनुवादित कहानी है। इस कहानी में दो मित्र हैं, तोत्तो-चान और यासुकी-चान। जापान मैं एक ऐसी पाठशाला थी, जहाँ पर बच्चे पेड़ों पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करते थे। हर बच्चे का अपना एक पेड़ होता था। तोत्तो-चान का भी अपना ऐसा ही एक पेड़ था। उसने अपने मित्र यासुकी-चान को अपने पेड़ पर आने का निमंत्रण दिया था। यासुकी-चान को अपने पेड़ पर चढ़ाने के लिए तोत्तो-चान को अत्यधिक मेहनत करनी पड़ी क्योंकि यासुकी-चान पैरों से अपंग था। उसके लिए पेड़ पर चढ़ना एक साहसी कार्य के समान था। मित्रता निभाने के लिए तोत्तो-चान ने बड़ा खतरा मोल लिया था। उसने अपनी मित्रता के लिए यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाकर ही दम लिया। यासुकी-चान के लिए भी यह अपूर्व अनुभव था। अपनी अपंगता के कारण वह कभी पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था। तोत्तो-चान के कारण ही उसे मौका प्राप्त हुआ था। यह उसका पहला और आखिरी मौका था। इन दोनों मित्रों के इस अनुभव के कारण ही इस कहानी का नाम अपूर्व अनुभव पड़ा। यह दो मित्रों की सच्ची मित्रता पर आधारित कहानी है।

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