summmary of the leason 10 in hindi

नमस्कार मित्र,


'कामचोर' पाठ से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें किसी भी काम को बड़ी सूझ-बूझ के साथ करना चाहिए वरना बिना सोचे समझे किया गया काम हमें मुसीबत में डाल सकता है। साथ ही बच्चों को समय रहते ही हर काम को करने के लिए उत्साहित करते रहना चाहिए वरना बच्चे आलसी और निकम्मे हो जाते हैं। ये कहानी इस्मत चुगताई द्वारा लिखित है। यह एक संयुक्त परिवार की कहानी है। इस घर में बच्चों की अच्छी-खासी फ़ौज है। इनकी देखभाल के लिए घरवालों ने बहुत-से नौकर रखे हुए हैं। बच्चों को हर वस्तु उनके हाथ में मिल जाती है। इसलिए सभी बच्चे आलसी और निकम्मे हो गए हैं। पिता उन्हें सुधारने के लिए काम में लगाते हैं परन्तु वे सारे घर में भूकंप की स्थिति पैदा कर देते हैं। वे सभी बच्चे घरवालों की परेशानियों का कारण बन जाते हैं। वे काम करने के अभ्यस्त नहीं हैं। अचानक उन्हें काम करने के लिए कहा जाता है, तो एक हास्यपद स्थिति बन जाती है। घरवाले अपना सिर पिटते रह जाते हैं। यह कहानी हास्यशैली में लिखी गई है। मनोरंजन के साथ-साथ यह हमें एक अच्छी सीख भी देती है।  हमें चाहिए कि बच्चों को आरंभ से ही अपने कार्यों को करने के लिए अभ्यस्त बनाएँ। यह उनके विकास के लिए बहुत आवश्यक है। इससे वे ज़िम्मेदार बनते हैं और कार्यकुशलता का गुण भी उनमें आता है। 




 

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