sushumna nari pul ka arth
सुषुमा नामक नाड़ी नाक के मध्य भाग में होती है। इसके माध्यम से कवयित्री ईश्वर को पाना चाहती थी। परन्तु इसे साधने के बाद भी उन्हें ईश्वर की प्राप्त नहीं हुई।
sushumna nari pul ka arth
सुषुमा नामक नाड़ी नाक के मध्य भाग में होती है। इसके माध्यम से कवयित्री ईश्वर को पाना चाहती थी। परन्तु इसे साधने के बाद भी उन्हें ईश्वर की प्राप्त नहीं हुई।