tataraa wameero katha se humein kya shiksha milti hain?100words

'तताँरा-वामीरो कथा' एक प्रेमी युगल की दुखद प्रेम कहानी है। इसके लेखक लीलाधर मंडलोई हैं। समाज के कल्याण में कई बार, कई लोगों को अपने प्रेम का बलिदान देना पड़ता है। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाता और समाज के सोचने की दिशा में परिवर्तन आता है। यह परिवर्तन आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन के नए मार्ग खोल देता है। प्रेम जीवन को नई दिशा देता है। प्रेम का कार्य है लोगों को आपस में जोड़ना। तताँरा-वामीरो दो अलग-अलग गाँवों के युवक-युवती की कहानी है। तताँरा सारे द्वीपवासियों का प्रिय है। वह साहसी और आत्मीय स्वभाव का युवक है। परन्तु वामीरो से वह सिर्फ इसलिए विवाह नहीं कर सकता है क्योंकि वामीरो अन्य गाँव की युवती है। दोनों बहुत प्रयास करते हैं लेकिन समाज के बनाए नियमों के आगे स्वयं को बेबस पाते हैं। आहत तताँरा अपनी तलवार से द्वीप के दो टुकड़े कर देता है और स्वयं एक द्वीप के साथ बहते हुए लापता हो जाता है। वामीरो उसकी याद में एक दिन स्वयं भी लापता हो जाती है। उनके प्रेम का दुखाद अंत लोगों के ह्दय पर प्रहार करता है। उनका बलिदान लोगों को झुकने के लिए विवश कर देता है। वे स्वयं एक नहीं हो पाए परन्तु आने वाली सभी पीढ़ियों के प्रेम में आने वाली बाधा का अंत कर गए। यह कहानी हमें संदेश देती है, जो परंपरा हमारे जीवन में रुकावट पैदा करे उसे हटाने में ही समाज का कल्याण निहित है। अन्यथा इसका बुरा परिणाम यह होता है कि किसी न किसी को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ता है।

  • 0
What are you looking for?