Tatha Kahaanee ke roop ko likhane ke ek praaroop ko ullekh kijiye.
प्रिय छात्र कथा लेखन के लिए हम एक प्रारूप लिखकर दे रहे हैं। आप इसकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं। धन्यवाद।
कहानी का शीर्षक है "नन्हा खरगोश"
एक नन्हा खरगोश था। वह जंगल में रहता था। जंगल में एक बार शिकारी कुत्ते आ गए। शिकारी कुत्तों की आंख बचाकर खरगोश झाड़ी में छुप गया। शिकारी कुत्ते खरगोश को ढूंढते ढूंढते परेशान हो गए। खरगोश किसी के हाथ नहीं आया। कभी वह दौड़कर पत्तों के पीछे छुप जाता तो कभी कंटीली झाड़ियों में छिप जाता। अंत में शिकारी कुत्ते निराश हो गए। उनको रास्ते में एक लोमड़ी मिली। कुत्तों ने लोमड़ी से पूछा कि क्या तुमने खरगोश को देखा है। लोमड़ी ने कहा हाँ, खरगोश उस कंटीली झाड़ी के पीछे है। लोमड़ी ने कहा मैं जाकर उस खरगोश को लेकर आती हूँ। लोमड़ी उस कंटीली झाड़ी तक नहीं पहुंच पाई। झाड़ी में बहुत कांटे थे। लोमड़ी खरगोश से हार गई। कुत्ते जोर जोर से हंसने लगे। लोमड़ी वहां से अपने भोजन की तलाश में चल दी। कुत्तों ने कहा लोमड़ी कहाँ जा रही हो। खरगोश को पकड़ो वरना हम तुम्हें जाने नहीं देंगे। लोमड़ी जान बचाकर दौड़ पड़ी। इससे यह सीख मिलती है कि कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। खरगोश नेे लोमड़ी को अच्छा सबक दिया।
कहानी का शीर्षक है "नन्हा खरगोश"
एक नन्हा खरगोश था। वह जंगल में रहता था। जंगल में एक बार शिकारी कुत्ते आ गए। शिकारी कुत्तों की आंख बचाकर खरगोश झाड़ी में छुप गया। शिकारी कुत्ते खरगोश को ढूंढते ढूंढते परेशान हो गए। खरगोश किसी के हाथ नहीं आया। कभी वह दौड़कर पत्तों के पीछे छुप जाता तो कभी कंटीली झाड़ियों में छिप जाता। अंत में शिकारी कुत्ते निराश हो गए। उनको रास्ते में एक लोमड़ी मिली। कुत्तों ने लोमड़ी से पूछा कि क्या तुमने खरगोश को देखा है। लोमड़ी ने कहा हाँ, खरगोश उस कंटीली झाड़ी के पीछे है। लोमड़ी ने कहा मैं जाकर उस खरगोश को लेकर आती हूँ। लोमड़ी उस कंटीली झाड़ी तक नहीं पहुंच पाई। झाड़ी में बहुत कांटे थे। लोमड़ी खरगोश से हार गई। कुत्ते जोर जोर से हंसने लगे। लोमड़ी वहां से अपने भोजन की तलाश में चल दी। कुत्तों ने कहा लोमड़ी कहाँ जा रही हो। खरगोश को पकड़ो वरना हम तुम्हें जाने नहीं देंगे। लोमड़ी जान बचाकर दौड़ पड़ी। इससे यह सीख मिलती है कि कभी भी किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए। खरगोश नेे लोमड़ी को अच्छा सबक दिया।