tatsam shabdh , yogrood shabdh , videshi shabdh , rood shabdh -
inka matlab bathaaiye .
तत्सम- तत्सम शब्द का अर्थ होता है तत्(उसके)+सम(समान) अर्थात 'उसके समान'। हिन्दी का जन्म क्योंकि संस्कृत भाषा से हुआ है। अत: हमारे द्वारा बहुत से शब्द उसी रूप में प्रयोग किए जाते हैं जो कभी संस्कृत में किए जाते थे। इसीलिए संस्कृत भाषा से लिए गए शब्दों को तत्सम शब्द कहते हैं।
योगरुढ़ शब्द का अर्थ = योग + रुढ़ अर्थात् जो शब्द यौगिक शब्द व रुढ़ शब्दों के समावेश (मिलने) से बना हो,योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं। इसमें यौगिक व रुढ़ दोनों शब्दों की विशेषताएँ होती है, अर्थात् यौगिक शब्दों की भाँति उनके सार्थक खंड किए जा सकते हैं तथा रुढ़ शब्दों के समान इनका एक विशेष प्रचलित अर्थ होता है; जैसे -गंगाधर = गंगा+ धर = गंगा को धारण करने वाले अर्थात् शिव
विदेशी या विदेशज :- भारत के इतिहास में विदेशी देशों का बड़ा साथ रहा है। कभी व्यापार की दृष्टि से तो कभी शासन की दृष्टि से हम सदा विदेशियों के संपर्क में बने रहें, उनकी भाषा के बहुत से शब्द स्वत: ही हिंदी भाषा में सम्मिलित (मिल) हो गए व आज वे प्रयुक्त होने लगे हैं, ऐसे शब्द विदेशी या विदेशज शब्द कहलाए। हमारी भाषा में अंग्रेज़ी, उर्दू, फ्रांसीसी, फ़ारसी, अरबी, चीनी आदि भाषाओं के अनेक शब्द मिल गए हैं
योगरुढ़ शब्द का अर्थ = योग + रुढ़ अर्थात् जो शब्द यौगिक शब्द व रुढ़ शब्दों के समावेश (मिलने) से बना हो,योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं। इसमें यौगिक व रुढ़ दोनों शब्दों की विशेषताएँ होती है, अर्थात् यौगिक शब्दों की भाँति उनके सार्थक खंड किए जा सकते हैं तथा रुढ़ शब्दों के समान इनका एक विशेष प्रचलित अर्थ होता है; जैसे -गंगाधर = गंगा+ धर = गंगा को धारण करने वाले अर्थात् शिव
रुढ़ :- कुछ शब्द होते हैं जिनका खंड करने पर कोई अर्थ नहीं निकला हो या जो अन्य शब्दों के योग से नहीं बनते परन्तु फिर भी किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं, वे रुढ़ कहलाते हैं; जैसे -
रक्त = र + क्त
विदेशी या विदेशज :- भारत के इतिहास में विदेशी देशों का बड़ा साथ रहा है। कभी व्यापार की दृष्टि से तो कभी शासन की दृष्टि से हम सदा विदेशियों के संपर्क में बने रहें, उनकी भाषा के बहुत से शब्द स्वत: ही हिंदी भाषा में सम्मिलित (मिल) हो गए व आज वे प्रयुक्त होने लगे हैं, ऐसे शब्द विदेशी या विदेशज शब्द कहलाए। हमारी भाषा में अंग्रेज़ी, उर्दू, फ्रांसीसी, फ़ारसी, अरबी, चीनी आदि भाषाओं के अनेक शब्द मिल गए हैं