teesri kasam film ko kharidaar kyon nahi mil rahe the?

तीसरी कसम एक सीधी-सादी फ़िल्म थी। शैलेंद्र ने उसे फ़िल्मी दांवपेचों से दूर रखा था। उन्होंने प्रयास किया था कि यह एक साफ़-सुथरी फ़िल्म बने। खरीदारों को यह लग रहा था कि यदि वह यह फ़िल्म सिनेमा में लाएँगे, तो उनका पैसा डूब जाएगा। इसलिए उसे कोई नहीं खरीदना चाहता था।

  • 1
What are you looking for?