traffic jam ki samasya in hindi

मित्र हम आपको इस विषय़ पर कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं। कृपया आप इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास कीजिए। इससे आपका लेखन कौशल बढ़ेगा। 

दिल्ली दिलवालों का शहर मानी जाती है। यहाँ रहकर लोगों के सपने साकार होते हैं। भारत के कोने-कोने से लोग यहाँ आकर रहते हैं। परन्तु इस दिल में ट्रैफिक का साया गहराने लगा है। जहाँ देखो वहाँ जाम लगा रहता है। लोग घंटो इस जाम में फंसे रहते हैं। इस प्रकार इसकी रफ्तार बहुत धीमी पड़ गई है। हर बार प्रश्न उठता है कि इस ट्रैफिक के जिम्मेदार कौन? परन्तु इस प्रश्न का उत्तर खोजने जाएँ, तो हम ही इसके सबसे बड़े गुनाहगार दिखाई देते हैं। सरकार को इसके लिए दोष देना पूर्णत सही नहीं होगा। आज गाड़ी रखना लोगों को हैसियत की पहचान लगता है। समाज का हर तबका इसे रखना अपनी शान समझता है। एक गाड़ी से लोगों का दिल नहीं भरता, तो वह दो-दो तीन गड़ियाँ रखने लगे हैं। घर में रहने वाले चार लोग होगें परन्तु सबके पास अपनी गाड़ी होगी। इसका दुष्परिणाम गाड़ी की संख्या में बढ़ोतरी। मेट्रो के आरंभ में संभावना की गई थी कि ट्रैफिक कम होगा परन्तु इससे कुछ खास परिणाम नहीं निकले। सरकार जितने प्रयास करे कम करने की परन्तु वाहनों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को वह कम नहीं कर सकती है। इसके लिए तो हमें ही प्रयास करने पड़ेंगे।

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